जो माँ से मिला, पापा ने दिया
क्या वो है प्यार ?
जो भाई को दिया, बहना से लिया
या वो है प्यार ?
जो दोस्तों और यारो से मिला,
या जो स्कूल की दीवारों पे लिखा
कौन सा है ये प्यार ?
जिसे देख के धड़कन थम सी गई,
या जिससे मिल के मुस्कराहट न रुकी
क्या वही था प्यार ?
जिसको सोच के रात भर मुस्कुराये,
या जिसके गम में दिन रात आंसू बहाये
कौन सा है ये प्यार ?
जो सर्दियों की सुबह को टिफ़िन में भरा,
जो आधी रात तुम्हारे लिए ड्राइव कर के गया
वो नहीं होता प्यार ?
उसके पास न हो कर भी साथ हो,
इसके साथ रह के भी दूर
ये कौन सा है प्यार ?
प्यार पवित्र है, गहरा है, है सीमाओं से परे,
पर क्या चीज है ये, क्या ये किसी के पल्ले पड़े ?
ये है इक ऐसी मृगतृष्णा जो तुम्हे दूर-दूर दौड़ाए,
और तेरे अंदर जो प्यार है उसे तू ढूंढ ही ना पाये
ये बाला है, मुसीबत है, तबाही है समझो,
फिर भी पूरी दुनिया प्यार की ही रट लगाए !!
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