जिंदगी तु बस इतना बता की तु चाहतीं क्या है....
क्या भीड़ में भी तनहाई तेरी जरूरत हैं|
अपनो के नाम पे तुघे परछाई तक बर्दाश्त नहीं....
अंधेरो से इश्क़ करना हीं तेरी फितरत है ?
जो मिलता नहीं उसके पीछे दौड़ी चली जा रही है....
जो पास है उसे भूल जाना तेरी आदत है ?
तू खिचेगी मुझे या मैं तुझको थामूंगी, ये फैसला मेरा होगा तेरे मशवरे की न मुझे जरुरत है ....
मैं धुंडु रौशनी या खुद सवेरा बन जाऊ ...ये मेरी चाह है तेरी राह नहीं |
अपनी खुशियों में खिल जाऊ या जल के रौशन उनको कर जाऊ ...अब बस यही सवाल है, शिकायत कोई नहीं !
क्या भीड़ में भी तनहाई तेरी जरूरत हैं|
अपनो के नाम पे तुघे परछाई तक बर्दाश्त नहीं....
अंधेरो से इश्क़ करना हीं तेरी फितरत है ?
जो मिलता नहीं उसके पीछे दौड़ी चली जा रही है....
जो पास है उसे भूल जाना तेरी आदत है ?
तू खिचेगी मुझे या मैं तुझको थामूंगी, ये फैसला मेरा होगा तेरे मशवरे की न मुझे जरुरत है ....
मैं धुंडु रौशनी या खुद सवेरा बन जाऊ ...ये मेरी चाह है तेरी राह नहीं |
अपनी खुशियों में खिल जाऊ या जल के रौशन उनको कर जाऊ ...अब बस यही सवाल है, शिकायत कोई नहीं !